Sunday, October 16, 2022

अगर वो पूछ ले हमसे

अगर वो पूछ लें हमसे, कहो किस बात का गम है।
तो फिर किस बात का गम हो, अगर वो पूछ लें हमसे।।

अगर वो पूछ लें हमसे, कहाँ रहते हो शामों में।
तो शामों में कहाँ हम हों, अगर वो पूछ लें हमसे।।

मलाल-ए-इश्क़ इतना है, सवालों की गिरह में हूँ ।
जो तुम पूछो- जवाबें दूँ, जो न पूछो- किसे कह दूँ !

मुनासिब है न मुंह खोलो, न पूछो और न कुछ जानो। 
पर उस निगाह का क्या हो, जिरह करती है जो हमसे।।

गुल-ए-गुलज़ार हो तुम, हर हवा का रुख तुम्ही पर है।
मगर झूमो तो यूँ झूमो, जो टूटो - पास आ जाओ।।

मैं ही बता देता, पर डर है - है किस्सा मोहब्बत का,
कि अंत आगाज़ का जब हो, आगाज़ अंत का न हो।।

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