हुआ जो कुछ उसे भुलाना चाहिए था
के उसे अब लौट आना चाहिए था
यह सारा बोझ मेरे सर पे क्यों है
उसे भी थोड़ा गम उठाना चाहिए था
इतनी खामोशी से ताल्लुक तोड़ दिया
उसे पहले बताना चाहिए था
उसकी यादों की खुश्बू है आज भी मेरे दिल मैं
मुझे जिसको भुलाना चाहिए था
ज़रा सी ग़लती पे रूठ बैठे
क्या उससे बस बहाना चाहिए था ??
मुझे पा कर उससे क्या चैन मिलता
जिसे सारा ज़माना चाहिए था
--अज्ञात
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