Thursday, December 24, 2009

लाज़िम है मोहब्बत की कसक दोनो तरफ़ हो

लाज़िम है मोहब्बत की कसक दोनो तरफ़ हो
इक हाथ से तो ताली बजाई नही जाती
इक तुम हो फ़राज़ के करते नही इज़हार-ए-मोहब्बत
हम से तो दिल की बात छुपाई नही जाती
--अहमद फराज़

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