Thursday, December 24, 2009

ज़माने के सवालों को मैं हस के टाल दूँ फराज़

ज़माने के सवालों को मैं हस के टाल दूँ फराज़
लेकिन नमी आंखों की कहती है, मुझे तुम याद आते हो
--अहमद फराज़

3 comments:

  1. आपने बड़े ख़ूबसूरत ख़यालों से सजा कर एक निहायत उम्दा ग़ज़ल लिखी है।

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  2. प्रिय ब्लॉगर बंधू,
    नमस्कार!

    आदत मुस्कुराने की तरफ़ से
    से आपको एवं आपके परिवार को क्रिसमस की हार्दिक शुभकामनाएँ!

    Sanjay Bhaskar
    Blog link :-
    http://sanjaybhaskar.blogspot.com

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  3. दिल से तो वास्तव में दिल से ही है

    जब भी दिमाग को बंद करने का मन हो तो आपके चिट्ठे पढ़ लो

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