हवा के रुख पे रहने दो, जलना सीख जायेगा
कि बच्चा लड़खड़ायेगा तो चलना सीख जायेगा
वो पहरों बैठ कर तोते से बातें करता है
चलो अच्छा है, अब नज़रें बदलना सीख जायेगा
इसी उम्मीद पर बदन को हमने कर लिया छलनी
कि पत्थर खाते खाते पेड़ फलना सीख जायेगा
ये दिल बच्चे की सूरत है, इसे सीने में रहने दो
बुरा होगा जो ये घर से निकलना सीख जायेगा
तुम अपना दिल मेरे सीने में कुछ दिन के लिये रख दो
यहां रह कर ये पत्थर भी पिघलना सीख जायेगा
--मुनव्वर राणा
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