Wednesday, December 9, 2009

जुज़ तेरे कोई भी दिन रात न जाने मेरे

जुज़ तेरे कोई भी दिन रात न जाने मेरे
तू कहां है मगर ऐ दोस्त पुराने मेरे
--अहमद फराज़


जुज़=other than

Source : http://www.urdupoetry.com/faraz31.html

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