Tuesday, June 12, 2012

दुनिया को बता देते की मोहब्बत क्या है

पहले तमन्ना तहसीन पाने की थी
सबसे अलग भीड़ में नज़र आने की थी
[तहसीन=praise/applause]

नए इन्कलाबों के नए कायदे थे
होड़ लगी उंगलियां उठाने की थी
[इन्कलाबी=revolutionary]

रौशनी का सबब तो बनना था हर किसी को
पर किसकी औकात सूरज सा जल पाने की थी
[सबब=cause/source]

यहाँ से तालीम पाने के बाद औरों की तरह
उसकी तमन्ना भी मुल्क छोड़ जाने की थी

जब हम अलग हैं तो औरों से मुकाबला क्यूं
शर्त खुद ही से आगे निकल जाने की थी

'मिश्रा' दुनिया को बता देते की मोहब्बत क्या है
गर तोड़ पाते जो बंदिश ज़माने की थी

--अभिषेक मिश्रा

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