दिल है या के शीशा क्या है
देखो तो ये टूटा क्या है
सारे तेरे दीवाने हैं
आखिर तुझ में ऐसा क्या है
बिन बोले सब कुछ कह देती
इन आँखों की भाषा क्या है
मैंने क्या समझाना चाहा
जाने तूने समझा क्या है
धीरे धीरे देखे जा तू
आगे आगे होता क्या है
विज्ञापन नंगी तसवीरें
अखबारों में छपता क्या है
किसको फुरसत है सुनने की
अपना दुखड़ा रोना क्या है
--अजय अज्ञात
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