Thursday, December 29, 2011

वैसे उन्हें ‘इश्क’ से ‘परहेज़’ तो नहीं है

‘पैमाना-ए-मोहब्बत’ लबरेज तो नहीं है
पूछते है वो ..ये ‘नशा’ तेज तो नहीं है

‘झिझक’ .. तो कभी ‘एहतियात’ का हवाला
वैसे उन्हें ‘इश्क’ से ‘परहेज़’ तो नहीं है

--अमित हर्ष

No comments:

Post a Comment