Tuesday, December 6, 2011

मुझ को हर शख़्स ने दिल अपना दिखाना चाहा

हाल-ए-दिल मैं ने जो दुनिया को सुनाना चाहा
मुझ को हर शख़्स ने दिल अपना दिखाना चाहा

[shaKhs = person]

अपनी तस्वीर बनाने के लिये दुनिया में
मैं ने हर रंग पे इक रंग चढ़ाना चाहा

ख़ाक-ए-दिल जौहर-ए-आईना के काम आ ही गई
लाख दुनिया ने निगाहों से गिराना चाहा

शोला-ए-बर्क़ से गुलशन को बचाने के लिये
मैं ने हर आग को सीने में छुपाना चाहा

[sholaa-e-barq = spark of lightning; gulashan = garden]

अपने ऐबों को छुपाने के लिये दुनिया में
मैंने हर शख़्स पे इल्ज़ाम लगाना चाहा

[aib = vice/fault; ilzaam = allegation/accusation]

ग़ैरत-ए-मौज उसे फेंक गई साहिल पर
डूबने वाले ने जब शोर मचाना चाहा

--करार नूरी

No comments:

Post a Comment