Saturday, December 17, 2011

खबर क्या थी के ये अंजाम होगा दिल लगाने का

कहीं दो दिल जो मिल जाते बिगड़ता क्या ज़माने का
खबर क्या थी के ये अंजाम होगा दिल लगाने का

--अज्ञात

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