Sunday, October 2, 2011

वही कारवां, वही रास्ते, वही जिंदगी, वही मरहले

वही कारवां, वही रास्ते, वही जिंदगी, वही मरहले
मगर अपने अपने मकाम पर कभी तुम नहीं, कभी हम नहीं

--शकील बदायूनी

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