If you know, the author of any of the posts here which is posted as Anonymous. Please let me know along with the source if possible.
इस शहर-ए-तिजारत में हर चीज़ मयस्सर है कितने का नबी लोगे, कितने का खुदा लोगे क्या दिल की धडकनों की आवाज़ सुनाते हो किस दाम में बेचोगे, कितने का नया लोगे --शहीद रिज़वी
No comments:
Post a Comment