Sunday, July 24, 2011

एक गज़ल तुझ पे कहूँ दिल का तकाजा है बहुत

एक गज़ल तुझ पे कहूँ दिल का तकाजा है बहुत
इन दिनों खुद से बिछड जाने का इरादा है बहुत

--कृष्ण बिहारी नूर

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