जब जब दर्द का बादल छाया
जब गम का साया लहराया
जब आँसू पलकों तक आया
जब यह तन्हा दिल घबराया
हमने दिल को ये समझाया
दिल आख़िर तू क्यूँ रोता है
दुनिया में यूँही होता है
यह जो गहरे सन्नाटे हैं
वक़्त ने सबको ही बाँटे हैं
थोड़ा गम है सबका क़िस्सा
थोड़ी धूप है सबका हिस्सा
आँख तेरी बेकार ही नम है
हर पल एक नया मौसम है
क्यूँ तू ऐसे पल खोता है
दिल आख़िर तू क्यूँ रोता है
--जावेद अख्तर
From Movie ZINDAGI NA MILEGI DOBARA
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Monday, July 18, 2011
दिल आख़िर तू क्यूँ रोता है
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MAN ROYA THA PAR USE PHIKAR NA THA ,PAR JAB HAMARI AASHU GERE TO MAN KO SAMJHA THA PAR NASEEB DEKHO WOH TO KISI AUR KI HO GAYI , PAR KAMBKTHA DIL NAHI MANA THA
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