हथेली से फिसल गयी साली
जिंदगी थी निकल गयी साली
मेरी किस्मत में तुझे पाना था
मेरी किस्मत बदल गयी साली
वो खुशी है तो मुझे मिल न सकी
वो बाला है तो टल गयी साली
कहा तो था के बेवफा है वो
देख फिर से बदल गयी साली
ज़ख्म फिर से वही उभर आये
फिर वही बात चल गयी साली
मुझसे बस बेवफाई की उसने
गैर को कैसे फल गयी साली
न मिलेंगे ये बात तय है मगर
तमन्ना फिर मचल गयी साली
मौत सब से बड़ी खिलाड़ी है
आखिर चाल चल गयी साली
एक तारीख बनाना थी इससे
तमाशो से बहल गयी साली
अभी तो जिंदगी को जाना था
जिंदगी फिर बदल गयी साली
हसी सच्ची तो नहीं थी मेरी
चला अच्छा है जल गयी साली
तुम्हारी याद काली नागिन है
मेरी रातें निगल गयी साली
जिंदगी भी बिगड गयी सतलज
तेरी सोहबत में ढल गयी साली
--सतलज राहत
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Friday, July 8, 2011
मेरी किस्मत बदल गयी साली
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