फ़िल्म : दिलजले
आरज़ू झूट है, कहानी है,
आरज़ू का फरेब खाना नहीं
खुश जो रहना हो जिंदगी में तुम्हे,
दिल किसी से कभी लगाना नहीं
--अज्ञात
क्यों बनाती हो तुम रेत के ये महल
जिनको एक रोज खुद ही मिटाओगी तुम
आज कहती हो इस दिलजले से प्यार है तुम्हे,
कल मेरा नाम तक भूल जाओगी तुम
--अज्ञात
एक पल में जो आकर गुजार जाता है
ये हवा का वो झोंका है, और कुछ नहीं
प्यार कहती है ये सारी दुनिया जिसे
एक रंगीन धोखा है, और कुछ नहीं
--अज्ञात
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