Sunday, January 10, 2010

ग़मों की आंच पे आंसू उबाल कर देखो

ग़मों की आंच पे आंसू उबाल कर देखो
भीगे रंग किसी पर डाल कर देखो
तुम्हारे दिल की चुभन भी ज़रूर होगी कम
किसी के पांव का कांटा निकाल कर देखो
--अज्ञात

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