भूल जाना भी क्या ज़रूरी है
याद आना भी क्या ज़रूरी है ?
तू जो कहता है, सच ही कहता है
कसमें खाना भी क्या ज़रूरी है ?
रूठ जाना तुम्हारी आदत है
फिर बहाना बनाना भी क्या ज़रूरी है ?
तेरी महफ़िल में घायल बैठे हैं
मेरा आना भी क्या ज़रूरी है ?
सब ही कहते हैं इश्क है आतिश
आजमाना भी क्या ज़रूरी है ?
कितनी उल्फत है हमें तुझसे
ये बताना भी क्या ज़रूरी है ?
--अज्ञात
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