Thursday, November 18, 2010

मैं पट्रीयों की तरहा ज़मी पर पड़ा रहा

मैं पट्रीयों की तरहा ज़मी पर पड़ा रहा
सीने से गम गुज़रते रहे रेल की तरह

--मुनव्वर राणा

2 comments:

  1. मैं पट्रीयों की तरहा ज़मी पर पड़ा रहा
    सीने से गम गुज़रते रहे रेल की तरह
    ye sher munawwar rana saheb ka hai......

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