Pune becomes very beautiful during rains.
It has been raining since last 3-4 days
and my city is looking like paradise on earth.
I dedicate this poem to my Pune.
यूँ हुआ है कुछ मौसम का असर देखिए
खिलखिलाता है हर सूखा हुआ शज़र देखिए
हर शय शर्माई हुई सी सिमटी हुई सी कुछ
जहाँ तक भी जाती है नज़र देखिए
मरमरी सर्दी की गुलाबी सुबह के थरथराते होंठ
बजने लगी है आशिको की ग़ज़र देखिए
कुछ साँवले से हुए है दिन आजकल
शाम सी लगती है दोपहर देखिए
कंबल के अंदर अंगड़ाई लेती अलसाई नींद
कितनी चैन से हुई हैं रातें बसर देखिए
खुदा की इस कायनात से क्यूँ ना हो जाए इश्क़ भला
किसी माशूक की सूरत सा लगता मेरा शहर देखिए
--मनीषा पाण्डेय
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Tuesday, November 9, 2010
यूँ हुआ है कुछ मौसम का असर देखिए
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