तेरी दुनिया से हो के मजबूर चला
मैं बहुत दूर, बहुत दूर, बहुत दूर चला
तेरी दुनिया से ...
इस क़दर दूर हूँ मैं लौट के भी आ न सकूँ
ऐसी मंज़िल कि जहाँ खुद को भी मैं पा न सकूँ
और मजबूरी है क्या, इतना भी बतला न सकूँ
तेरी दुनिया से ...
आँख भर आयी अगर, अश्क़ों को मैं पी लूँगा
आह निकली जो कभी, होंठों को मैं सी लूँगा
तुझसे वादा है किया, इस लिये मैं जी लूँगा
तेरी दुनिया से ...
खुश रहे तू है जहां ले जा दुआएं मेरी
तेरी राहों से जुदा हो गयी राहें मेरी
कुछ नहीं साथ मेरे, बस हैं खताएं मेरी
तेरी दुनिया से ..
If you know, the author of any of the posts here which is posted as Anonymous.
Please let me know along with the source if possible.
Saturday, November 20, 2010
तेरी दुनिया से होके मजबूर चला ...फ़िल्म : पवित्र पापी
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
मज़ा आ गया पुराणी यादें जाग गयीं .. लाजवाब गीत किशोर का ...
ReplyDelete