हमारी ज़िन्दगी का इस तरह हर साल कटता है कभी गाड़ी पलटती है, कभी तिरपाल कटता है दिखाते हैं पड़ौसी मुल्क़ आँखें, तो दिखाने दो कभी बच्चों के बोसे से भी माँ का गाल कटता है? --मुनव्वर राणा
बेहतरीन आज़ादी की 62वीं सालगिरह की हार्दिक शुभकामनाएं। इस सुअवसर पर मेरे ब्लोग की प्रथम वर्षगांठ है। आप लोगों के प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष मिले सहयोग एवं प्रोत्साहन के लिए मैं आपकी आभारी हूं। प्रथम वर्षगांठ पर मेरे ब्लोग पर पधार मुझे कृतार्थ करें। शुभ कामनाओं के साथ- रचना गौड़ ‘भारती
बेहतरीन
ReplyDeleteआज़ादी की 62वीं सालगिरह की हार्दिक शुभकामनाएं। इस सुअवसर पर मेरे ब्लोग की प्रथम वर्षगांठ है। आप लोगों के प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष मिले सहयोग एवं प्रोत्साहन के लिए मैं आपकी आभारी हूं। प्रथम वर्षगांठ पर मेरे ब्लोग पर पधार मुझे कृतार्थ करें। शुभ कामनाओं के साथ-
रचना गौड़ ‘भारती
राणा साहब का कता पढकर अच्छा लगा। शुक्रिया।
ReplyDelete( Treasurer-S. T. )