Sunday, October 21, 2012

उसे लोगों से मिलने मिलाने का शौक था

मुझे मिटटी के घर बनाने का शौक था
उसे आशियाने गिराने का शौक था

मैं खुद से रूठ जाता हूँ अक्सर इस लिए
मुझे रूठे हुए लोग मनाने का शौक था

उसे वादों की पासदारी पसंद न थी
लेकिन मुझे अहद निभाने का शौक था

मैं मसरूफ था तनहाइयों की तलाश में
उसे लोगों से मिलने मिलाने का शौक था

वो बेवफा थी इस में हैरत की बात क्या?
मुझे बेवफा से दिल लगाने का शौक था

--अज्ञात

http://www.freesms4.com/2010/04/27/mujhe-mitti-k-ghar-bananay-ka-shoq-tha/

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