कभी कभी तेरा मैखाना याद आये बहुत
की एक बूँद भी न पी और लडखडाये बहुत
किताबे दिल को जो पानी में फ़ेंक आये थे
तेरे दिए हुए कुछ फूल याद आये बहुत
मिला था राह में एक आंसुओं का सौदागर
हम उसकी आँख के मोती खरीद लाये बहुत
वो रोज़ रोज़ जो बिछड़े तो कौन याद करे
वो एक रोज़ न आये तो याद आये बहुत
--अज्ञात
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