Saturday, January 21, 2012

हम बहुत दूर तक चले आये ..

दिल में फिर जैसे ज़लज़ले आये ...
ख्याल तेरे यूं चले आये.. ...

हमने छोड़ा नहीं तेरा दामन ...
कितने मौसम बुरे भले आये..

गुज़ारिश हो रही है लम्हों से ...
कोई तो साथ तुझे ले आये ....

जिनकी नियत में बस मोहब्बत थी. ..
उनकी किस्मत में फासले आये...

हैरान रह गई सारी दुनिया ....
खुदा के ऐसे फैसले आये...

बिछड़ते वक़्त बस यही गम है ....
हम बहुत दूर तक चले आये ...

शाम होते ही मेरी आँखों में ...
कितनी यादो के काफिले आये..

"सतलज" तुमको बहुत रोका था...
तुम नहीं माने , तुम चले आये......

--सतलज राहत

No comments:

Post a Comment