मिली हर कदम पर रफाकत तुम्हारी
कहाँ हम कहाँ ये इनायत तुम्हारी
हमें चाहिए तो बस तालुक तुम्हारा
मोहब्बत मिले या अदावत तुम्हारी
किसी से भी मिलना उसे जीत लेना
बड़ी दिल नशीं है ये आदत तुम्हारी
हम है जिंदगी के किन रास्तों पर
हमेशा रहेगी ज़रूरत तुम्हारी
--अज्ञात
किसी से भी मिलना उसे जीत लेना
ReplyDeleteबड़ी दिल नशीं है ये आदत तुम्हारी ...
कुर्बान इस अदा पर ... बहुत ही लाजवाब शेर है .....