गिर जायें ज़मीन पर तो संभाले नहीं जाते
बाज़ार में दुख दर्द उछाले नहीं जाते
आंखों से निकलते हो मगर ध्यान में रहना
तुम ऐसे कभी दिल से निकाले नहीं जाते
मुझसे इन आँखों की हिफाज़त नहीं होती
अब मुझसे तेरे ख़्वाब संभाले नहीं जाते
जाते नहीं हम सेहराओं में अब इश्क़-ए-गिरफ्ता
जब तक दिल-ए-मजनू की दुआ ले नहीं जाते
जंगल के ये पौधे हैं इसे छोड़ दो मोहसिन
ग़म आप जवान होते हैं पाले नहीं जाते
--मोहसिन नकवी
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