Monday, February 28, 2011

सुने जाते न थे तुमसे, मेरे दिन रात के शिकवे

सुने जाते न थे तुमसे, मेरे दिन रात के शिकवे
कफ़न सरकाओ !! मेरी बे-जुबानी देखते जाओ

--फानी बदायूनी

No comments:

Post a Comment