Friday, November 29, 2013

मुसीबतों का पुलिंदा है इश्क,

मुसीबतों का पुलिंदा है इश्क,
मुसीबतों से ही जिंदा है इश्क..

ज़माने वालो हवाएं थामो,
हवा में उड़ता परिंदा है इश्क..

न जीने देता, न मरने देता,
अजीब वहशी दरिंदा है इश्क...

.....रजनीश सचान

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