तेरे वादों मे जब तक दम रहेगा
ये मेरा हौंसला कायम रहेगा
तेरे अंदर वही हवा रहेगी
मेरे अंदर वही आदम रहेगा
ज़माना चाहतों का आ गया है
कई दिन तक यही मौसम रहेगा
तुझे महसूस ही करना है मुझको
तुझे लिखने लगूं तो कम रहेगा
सोच पथरा गई हैं सब की सब
तेरा ख्याल पर रेशम रहेगा
कुछ दिनों तो हुमारे साथ थीं तुम
बहुत दिन अब तुम्हारा गम रहेगा
मेरी पेशनी पे ये बल रहेगा
तुम्हारी ज़ुलफ मे ये ख़म रहेगा
कोई भी ज़ख़्म दे मुझे लेकिन
तुम्हारे पास ही मरहम रहेगा
ख्वाब आयेंगे पर बेजान हो कर
दिल भी धड़केगा पर बेदम रहेगा
मेरे बगैर तेरे शानो पर
जो भी आँचल रहेगा, नम रहेगा
रात अपनी पे उतर आई है
सवेरे हर तरफ मातम रहेगा
ये भी दिल तोड़ क जायेगी एक दिन
मुझे इस बात का भी गम रहेगा
बिछड़ के टूट-फूट जाऊंगा
तुझे अफ़सोस थोड़ा कम रहेगा
'सतलज' तेरी ही जयकार होगी
'सतलज' तेरा ही परचम रहेगा!!!
--सतलज राहत
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Monday, August 8, 2011
तुझे महसूस ही करना है मुझको
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