Saturday, April 30, 2011

मैं ठोकर में आसमान रखता हूँ !

हलक़ में अपनी ज़ुबान रखता हूँ !
मैं चुप हूँ कि तेरा मान रखता हूँ !
मेरी बुलंदियों से रश्क कर तू भी
मैं ठोकर में आसमान रखता हूँ !

--अज्ञात

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