Monday, April 4, 2011

ये लड़का कब होगा सयाना क्या पता

मुझे मालूम है तेरे घर का पता
कहाँ है मेरा आशियाना क्या पता

ख़ुदकुशी ही कहीं दुश्वारियों का हल तो नहीं ?
ये इश्क ही न हो मौत का बहाना क्या पता

हर एक को राज़-ए-दिल बता देता है
ये लड़का कब होगा सयाना क्या पता

यु ही बेड के साथ हो लिए हम भी
किस की जीत का है जयकारा क्या पता !!

--अमोल सहारन

1 comment:

  1. बहुत सुन्दर ग़ज़ल| धन्यवाद|

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