If you know, the author of any of the posts here which is posted as Anonymous. Please let me know along with the source if possible.
नज़र मिला न सके उससे उस निगाह के बाद वही है हाल हमारा जो हो गुनाह के बाद मैं कैसे और किसी सिम्त मोड़ता हूँ खुद को किसी की चाह न थी दिल में तेरी चाह के बाद --कृष्ण बिहारी नूर
No comments:
Post a Comment