Saturday, April 7, 2012

ये तादाद 'दोस्तों' की .. हमसे संभाली नहीं जाती

कुछ 'दुश्मन' में हो जाए तब्दील .... तो बेहतर है
ये तादाद 'दोस्तों' की .. हमसे संभाली नहीं जाती

--अमित हर्ष

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