Sunday, March 18, 2012

वो ही महसूस करते है तपिश दर्द-ए-दिल की फ़राज

वो ही महसूस करते है तपिश दर्द-ए-दिल की फ़राज
जो अपने आप से बढ कर किसी से प्यार करते है

--अहमद फराज़

2 comments:

  1. वाह! बहुत खूब !
    हो सके तो ये वर्ड-वेरिफिकेशन हटा दे ..चाह कर भी टिप्पणी कर नहीं पाता हूँ ,वर्ड पहचानने में दिक्कत आती है !बाकी जैसा ठीक समझे |मैं पढ़ कर और आप का शुक्रिया कर के वापस निकल जाता हूँ |
    बहुत अच्छी शायरी पढा रहें हैं आप ...
    खुश रहें !
    शुक्रिया !

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  2. word verification hataane se spam comments b aane lagte h.
    m koshish karunga hataane ki.

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