Sunday, March 4, 2012

पर बातें वो ..... ‘जहीन’ करता है

तस्वीर यादों की .. रंगीन करता है
बारीकियों को और महीन करता है

महज़ हरक़तें .. ‘नागवार’ है थोड़ी
पर बातें वो ..... ‘जहीन’ करता है

--अमित हर्ष

[ज़हीन=serious/गहरी]

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