तनहा तनहा मत सोचा कर..
मर जायेगा मर जायेगा.. मत सोचा कर..
प्यार घड़ी भर का ही बहुत है..
झूठा.. सच्चा.. मत सोचा कर...
जिसकी फ़ितरत ही डंसना हो..
वो तो डसेगा मत सोचा कर..
धूप में तनहा कर जाता
क्यूँ यह साया मत सोचा कर..
अपना आप गवाँ कर तूने,
पाया है क्या मत सोचा कर
राह कठिन और धूप कड़ी है
कौन आयेगा मत सोचा कर..
ख्वाब, हकीकत या अफसाना
क्या है दुनिया मत सोचा कर
मूँद ले आँखें और चले चल....
मंज़िल रास्ता.. मत सोचा कर
दुनिया के गम साथ हैं..तेरे
खुद को तनहा, मत सोचा कर
जीना, दूभर हो जायेगा
जानां, इतना मत सोचा कर
मान मेरे शहजाद वगरना
पछताएगा मत सोचा कर...
-फरहत शहजाद
If you know, the author of any of the posts here which is posted as Anonymous.
Please let me know along with the source if possible.
Friday, March 21, 2014
तनहा तनहा मत सोचा कर..
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment