कोशिश कर, हल निकलेगा
आज नही तो, कल निकलेगा।
अर्जुन के तीर सा निशाना साध,
जमीन से भी जल निकलेगा ।
मेहनत कर, पौधो को पानी दे,
बंजर जमीन से भी फल निकलेगा ।
ताकत जुटा, हिम्मत को आग दे,
फौलाद का भी बल निकलेगा ।
जिन्दा रख, दिल में उम्मीदों को,
समन्दर से भी गंगाजल निकलेगा ।
कोशिशें जारी रख कुछ कर गुजरने की,
जो है आज थमा-थमा सा, वो चल निकलेगा ।
-अज्ञात
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