Sunday, June 15, 2014

मतलबी दुनिया के लोग खड़े, हाथों में पत्थर ले के

मतलबी दुनिया के लोग खड़े, हाथों में पत्थर ले के
मैं कहाँ तक भागूं, शीशे का मुक़द्दर ले के

--अज्ञात

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