अफवाह थी कि मुझे इश्क हुआ है
लोगों ने पूछ पूछ कर आशिक बना दिया
--अज्ञात
If you know, the author of any of the posts here which is posted as Anonymous.
Please let me know along with the source if possible.
अफवाह थी कि मुझे इश्क हुआ है
लोगों ने पूछ पूछ कर आशिक बना दिया
--अज्ञात
तनहा तनहा मत सोचा कर..
मर जायेगा मर जायेगा.. मत सोचा कर..
प्यार घड़ी भर का ही बहुत है..
झूठा.. सच्चा.. मत सोचा कर...
जिसकी फ़ितरत ही डंसना हो..
वो तो डसेगा मत सोचा कर..
धूप में तनहा कर जाता
क्यूँ यह साया मत सोचा कर..
अपना आप गवाँ कर तूने,
पाया है क्या मत सोचा कर
राह कठिन और धूप कड़ी है
कौन आयेगा मत सोचा कर..
ख्वाब, हकीकत या अफसाना
क्या है दुनिया मत सोचा कर
मूँद ले आँखें और चले चल....
मंज़िल रास्ता.. मत सोचा कर
दुनिया के गम साथ हैं..तेरे
खुद को तनहा, मत सोचा कर
जीना, दूभर हो जायेगा
जानां, इतना मत सोचा कर
मान मेरे शहजाद वगरना
पछताएगा मत सोचा कर...
-फरहत शहजाद
कुछ रिश्ते ता उम्र अगर बेनाम रहे तो अच्छा है
आँखों आँखों में ही कुछ पैगाम रहे तो अच्छा है
सुना है मंज़िल मिलते ही उसकी चाहत मर जाती है
गर ये सच है तो फिर हम नाकाम रहें तो अच्छा है
जब मेरा हमदम ही मेरे दिल को न पहचान सका
फिर ऐसी दुनिया में हम गुमनाम रहे तो अच्छा है
--अज्ञात
(From हमनशीं album of shreya ghoshal)
कुछ इस तरह से वफ़ा की मिसाल देता हूँ
सवाल करता है कोई तो टाल देता हूँ
उसी से खाता हूँ अक्सर फरेब मंजिल का
मैं जिसके पाँव से काँटा निकाल देता हूँ
तसव्वुरात की दुनिया भी खूब दुनिया है
मैं उसके ज़हन को अपने ख्याल देता हूँ
वो कायनात की वुसअत बयान करता है
मैं एक शेर ग़ज़ल का उछाल देता हूँ
कहीं अज़ाब न बन जाये जिंदगी 'मंसूर'
उसे मैं रोज़ एक उलझन में डाल देता हूँ
--मंसूर उस्मानी