गमों में डूबे तो फिर जगमगा के निकले हैं ...
यहाँ डूबे थे ... बड़ी दूर जा के निकले हैं ....
तेरी बाहों में बड़े प्यार से आये थे मगर ..
तेरे पंजो से बहुत छटपटा के निकले हैं ...
तूने भी दिल को दुखने की इन्तहा कर दी...
हम भी महफ़िल से मगर मुस्कुरा के निकले हैं ..
कई लोगो से मेरी नौकरी की बात हुई ...
बहुत से काम तो हाथो में आ के निकले हैं ...
मेरे ही ज़ब्त ने बेचैन किया है तुझको ..
ये तेरे आंसू मुझे आजमा के निकले हैं ...
बड़े तैराक हैं ये मैंने खुद भी देखा है ...
यहाँ कूदे थे .. बहुत दूर जा के निकले हैं ..
धड़कने रुक गयी , दम भी निकल गया मेरा..
सभी अरमान तेरे पास आ के निकले हैं ..
हमने हर नौकरी बर्बाद होके छोड़ी है ...
सबको लगता है के पैसा कमा के निकले हैं ..
ऐसे वैसो को भी दिल में बसा लिया ''सतलज'
बहुत से लोग तो बातें बना के निकले हैं ...
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Monday, March 25, 2013
ये तेरे आंसू मुझे आजमा के निकले हैं ...
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wow!!! bahut, bahut badhiya!!
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