Wednesday, May 11, 2011

जब भी माँगा वही माँगा जो मुक़द्दर में न था

जब भी माँगा वही माँगा जो मुक़द्दर में न था
अपनी हर एक तमन्ना से शिकायत है मुझे !!

--अज्ञात

इसका जवाब किसी शायर ने यूं दिया

अपने मुक़द्दर का तो मिल ही जायेगा ए खुदा
वो चीज़ अदा कर जो किस्मत में नहीं

--अज्ञात

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