Tuesday, September 21, 2010

तेरी तलब में जला डाले आशियाने तक फ़राज़

तेरी तलब में जला डाले आशियाने तक
कहाँ रहूँ मैं तेरे दिल में घर बनाने तक
--अहमद फ़राज़

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