दोस्तों आज मुझे आप सबको बताते हुए अति प्रसन्नता हो रही है
कि मेरी खुद की कविताओं को एक किताब का रूप मिल गया है
इस में मेरे दोस्त अनंत अगरवाल ने मेरी बहुत मदद की |
और आप को पढ़ना चाहें तो खरीद सकते हैं
http://pothi.com/pothi/book/ebook-yogesh-gandhi-ehsaas
If you know, the author of any of the posts here which is posted as Anonymous.
Please let me know along with the source if possible.
Saturday, August 31, 2013
एहसास
Tuesday, August 27, 2013
तुम्हारा क्या बिगाड़ा था....
तुम्हारा क्या बिगाड़ा था ? जो तुमने तोड़ डाला है
ये टुकड़े मैं नहीं लूँगा...मुझे दिल बना कर दो
--अज्ञात
Wednesday, August 21, 2013
ये कोई ग़म था जो आँखों से बह गया
ये कोई ग़म था जो आँखों से बह गया
या तुम चल दिए फिर मुझसे दूर
--शिल्पा अग्रवाल
Sunday, August 18, 2013
मेरी मंजिल मेरी हद
मेरी मंज़िल, मेरी हद
बस तुमसे तुम तक
फ़क्र ये है के तुम मेरे हो
फ़िक्र ये के कब तक
--अज्ञात
Thursday, August 15, 2013
कोई रिश्ता जो न होता तो वो ख़फा क्यों होते
कोई रिश्ता जो न होता तो वो ख़फा क्यों होते
यह बेरुख़ी उनकी मोहब्बत ही का पता देती है
--अज्ञात
Wednesday, August 7, 2013
लोगों ने रोज़ कुछ नया माँगा खुदा से
लोगों ने रोज़ कुछ नया माँगा खुदा से
एक हम ही तेरे ख़याल से आगे नहीं गए
--अज्ञात
Saturday, August 3, 2013
लोगों को हसाने के वास्ते
लोगों को हसाने के वास्ते
ज़िन्दगी बिता दी उसने
कितना अजीब था वो शख्स,
खुद कभी मुस्कुराता न था
पता नहीं किसके लिए
गज़लें लिखता रहता था
पर अपनी गज़लें
किसी को सुनाता न था
--अज्ञात
Friday, August 2, 2013
कुछ तो मेरी आँखों को पढने का हुनर सीख
कुछ तो मेरी आँखों को पढने का हुनर सीख
हर बात मेरे यार बताने की नही होती
--अज्ञात