Tuesday, December 4, 2012

सिर्फ तुमको भूल नहीं पाए

चलने को रास्ता नहीं होता
तब भी कुछ बुरा नहीं होता

सिर्फ तुमको भूल नहीं पाए
करने से वर्ना क्या नहीं होता

अपना गम पुराना नहीं होता
भले ही कभी नया नहीं होता

मेरी शायरी सब झूठी है
किस्सा सच्चा बयां नहीं होता

जो तूने हाँ कर दी होती
मेरा तब भी भला नहीं होता

सोचता हूँ रस्सी कहाँ होती
अगर मेरा गला नहीं होता

यार उनका क्या होता है ?
जिनका कभी बुरा नहीं होता

सुना है दिल ऐसा होता है
जिसमे कुछ खुरदुरा नहीं होता

दुनिया शायद और बुरी होती
जो तेरा गम जुडा नहीं होता

पर फिर मेरा क्या होता
अगर रास्ता मुडा नहीं होता

अब मुझे अच्छा नहीं लगता
जब मेरे साथ बुरा नहीं होता

तुझमे मुझमे फर्क नहीं होता
जो बाप का पैसा नहीं होता

होने को तो सब हो सकता था
पर तब क्या ऐसा नहीं होता ?

सब तेरे जैसे होते हैं
पर कोई तेरे जैसा नहीं होता

"मानस" ये तो हद है तेरी
चाँद कहने से तेरा नहीं होता

मानस भारद्वाज

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