दिल की दिल में ना रह जाये ये कहानी कह लो
चाहे दो हर्फ़ लिखो चाहे ज़बानी कह लो
मैंने मरने की दुआ माँगी वो पूरी ना हुई
बस इस को मेरे जीने की कहानी कह लो
सर_सर-ए-वक़्त उड़ा ले गई रूदाद-ए-हयात
वही अवराक़ जिन्हें अहद-ए-जवानी कह लो
[sar_sar-e-vaqt = winds of time; rudaad-e-hayaat = tale of life]
[avaraaq = pages; ahad-e-javaanii = youthful period]
तुम से कहने की ना थी बात मगर कह बैठा
अब इसे मेरी तबियत की रवानी कह लो
वही इक क़िस्सा ज़माने को मेरा याद रहा
वही इक बात जिसे आज पुरानी कह लो
हम पे जो गुज़री है बस उस को रक़म करते हैं
आप बीती कहो या मर्सियाख़्वानी कह लो
--अज्ञात
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Sunday, May 13, 2012
दिल की दिल में ना रह जाये ये कहानी कह लो
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bahut bahut umda!!
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