Wednesday, May 12, 2021

ना नीम ना हकीम, ना किसी आलिम से हल होंगे

ना नीम, ना हकीम, ना किसी आलिम से हल होंगे
ये तो मेरे दिल के मसले हैं, उसी ज़ालिम से हल होंगे
--अज्ञात

Saturday, May 8, 2021

जैसे चराग हो हवाओं के सामने

मेरी वफाएं हैं उनकी वफाओं के सामने
जैसे चराग हो हवाओं के सामने

गर्दिशें तो चाहती हैं मेरी तबाही मगर
चुप है वो किसी की दुआओं के सामनेे

--अज्ञात