Wednesday, July 31, 2013

मेरी आँखों में अब भी चुभता है

मेरी आँखों में अब भी चुभता है
तूने जो ख्वाब तोड़ डाला है

--अज्ञात

Saturday, July 27, 2013

मुद्दतों बाद ये दस्तक कैसी ?

मुद्दतों बाद ये दस्तक कैसी ?
हो न हो कोई मतलबी होगा

अज्ञात

Saturday, July 13, 2013

याद आते हैं तो कुछ भी नहीं करने देते

याद आते हैं तो कुछ भी नहीं करने देते
अच्छे लोगों की यही बात बहुत बुरी लगती है

--अज्ञात

Tuesday, July 9, 2013

आंसू उठा लेते हैं मेरे ग़मों का बोझ

आंसू उठा लेते हैं मेरे ग़मों का बोझ
ये वो दोस्त हैं जो एहसान जताया नहीं करते

--अज्ञात

Monday, July 1, 2013

याद करने की हमने हद कर दी मगर

याद करने की हमने हद कर दी मगर
भूल जाने में तुम भी कमाल रखते हो

--अज्ञात