शोर कभी मुश्किलों को आसान नहीं करता
Dil se
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Monday, February 24, 2025
Monday, February 19, 2024
Sunday, August 27, 2023
तुझमें ही कहीं रब रहता है
तेरा साथ मेरे हाथ में जब रहता है
मानो मेरे कदमों मे सब रहता है
तू रूठे तो खुदा रूठे मुझसे
यानी तुझमे ही कहीं रब रहता है
https://www.youtube.com/shorts/VdxxlDNLDlI
Tuesday, August 15, 2023
सुना है वो भिखारी जख्म भर जाने से डरता है
बदन पर घाव दिखा कर जो पेट भरता है
सुना है वो भिखारी जख्म भर जाने से डरता है
--अज्ञात
मैं लड़का था मुझे मुस्कुराना पड़ा
मेरे कुछ ख्वाबों को मुझे जलाना पड़ा, कुछ ख्वाहिशों को भीतर दबाना पड़ा, भरी थी आँखे मगर किसको फ़िकर थी, मैं लड़का था मुझे मुस्कुराना पड़ा --Unknown
Wednesday, November 9, 2022
Monday, October 31, 2022
नीयत-ए-शौक भर ना जाए कहीं
नीयत-ए-शौक भर ना जाए कहीं
तू भी दिल से उतर ना जाए कहीं
आज देखा है तुझ को देर के बाद
आज का दिन गुज़र ना जाए कहीं
--अज्ञात
Monday, October 17, 2022
Sunday, October 16, 2022
अगर वो पूछ ले हमसे
अगर वो पूछ लें हमसे, कहो किस बात का गम है।
तो फिर किस बात का गम हो, अगर वो पूछ लें हमसे।।
अगर वो पूछ लें हमसे, कहाँ रहते हो शामों में।
तो शामों में कहाँ हम हों, अगर वो पूछ लें हमसे।।
मलाल-ए-इश्क़ इतना है, सवालों की गिरह में हूँ ।
जो तुम पूछो- जवाबें दूँ, जो न पूछो- किसे कह दूँ !
मुनासिब है न मुंह खोलो, न पूछो और न कुछ जानो।
पर उस निगाह का क्या हो, जिरह करती है जो हमसे।।
गुल-ए-गुलज़ार हो तुम, हर हवा का रुख तुम्ही पर है।
मगर झूमो तो यूँ झूमो, जो टूटो - पास आ जाओ।।
मैं ही बता देता, पर डर है - है किस्सा मोहब्बत का,
कि अंत आगाज़ का जब हो, आगाज़ अंत का न हो।।
Wednesday, December 1, 2021
Sunday, July 11, 2021
Saturday, July 3, 2021
ये दिया भी जला के देख लिया
ज़ख़्म-ए-दिल भी दिखा के देख लिया
बस तुम्हें आज़मा के देख लिया
दाग़-ए-दिल से भी रौशनी न मिली
ये दिया भी जला के देख लिया
शिकवे मिटते हैं क्यूँकर आप से आप
सामने उन के जा के देख लिया
मुज़्दा ऐ हसरत-ए-दिल-ए-पुर-शौक़
उस ने फिर मुस्कुरा के देख लिया
आबरू और भी हुई पानी
अश्क-ए-हसरत बहा के देख लिया
तर्क-ए-उल्फ़त के सुन लिए इल्ज़ाम
राज़-ए-दिल को छुपा के देख लिया
जो न देखा था आज तक हम ने
दिल की बातों में आ के देख लिया
कोई अपना नहीं यहाँ ऐ 'अर्श'
सब को अपना बना के देख लिया
अर्श मलसियानी
Wednesday, May 12, 2021
ना नीम ना हकीम, ना किसी आलिम से हल होंगे
ना नीम, ना हकीम, ना किसी आलिम से हल होंगे
ये तो मेरे दिल के मसले हैं, उसी ज़ालिम से हल होंगे
--अज्ञात
Saturday, May 8, 2021
जैसे चराग हो हवाओं के सामने
मेरी वफाएं हैं उनकी वफाओं के सामने
जैसे चराग हो हवाओं के सामने
गर्दिशें तो चाहती हैं मेरी तबाही मगर
चुप है वो किसी की दुआओं के सामनेे
--अज्ञात
Friday, April 30, 2021
Prescription है पर दवा नहीं है
कोई किस्त है जो अदा नहीं है
साँस बाकी है और हवा नहीं है
नसीहतें, सलाहें, हिदायतें तमाम
प्रिस्क्रिप्शन हैं पर दवा नहीं है
आँख भी ढक लीजिये संग मुँह के
मंजर सचमुच अच्छा नहीं है
हरेक शामिल है इस गुनाह में
कुसूर किसका है पता नहीं है।
Tuesday, February 23, 2021
दुख हमको अगर अपना बताना नहीं आता
दुख हमको अगर अपना बताना नहीं आता
तुमको भी तो अंदाज़ा लगाना नहीं आता
अज्ञात
अब सबके बाद आते हो
मतलब ये के भूला नहीं हूं
ये भी नहीं के याद आते हो
पहले सबसे पहले आते थे तुम
अब सबके बाद आते हो ।
अज्ञात
Sunday, February 14, 2021
मेरी तलब के तकाजे पर थोड़ा गौर तो कर
मेरी तलब के तकाजे पर थोड़ा गौर तो कर
मैं तेरे पास आया हूं, खुदा के होते हुए
-- अज्ञात
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